Mahila Rojgar Scheme First Installment बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” के अंतर्गत महिलाओं को पहली किस्त की राशि वितरित की जा रही है। इस योजना के तहत सोमवार को लगभग 5000 करोड़ रुपये सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में स्थानांतरित किए जाएंगे। इस कदम का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना है ताकि वे नया स्वरोजगार शुरू कर सकें या पहले से चल रहे कार्यों को और आगे बढ़ा सकें। इस अवसर पर सुबह 11 बजे राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसका सीधा प्रसारण भी किया जाएगा।
पहले चरण में 10,000 रुपये की सहायता
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि योजना के शुभारंभ को जिले और गांव स्तर पर उत्सव की तरह मनाया जाए। योजना के पहले चरण में हर महिला को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी। इसके बाद महिलाओं को व्यवसाय विस्तार के लिए 15,000 रुपये, 75,000 रुपये या अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऋण पर 12% वार्षिक ब्याज लगेगा और चुकाने की अवधि 1 से 3 साल रखी गई है, ताकि महिलाओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अहम कदम
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना केवल आर्थिक सहायता देने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक रणनीति है जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित है। इस योजना के जरिए सरकार महिलाओं को उद्यमिता से जोड़कर और तकनीकी प्रशिक्षण देकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाना चाहती है। इसके साथ ही यह कदम सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है, क्योंकि इससे महिलाओं की भागीदारी समाज और राजनीति दोनों में बढ़ेगी। महिलाओं को सशक्त और स्वतंत्र बनाने का यह प्रयास, सरकार की दीर्घकालीन नीतियों और “सशक्त बिहार” के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या
इस योजना के प्रति महिलाओं में उत्साह साफ दिखाई दे रहा है। अब तक लगभग 1.05 करोड़ जीविका दीदियों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर दिया है। इसके अलावा 1.40 लाख से अधिक महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ने का आग्रह किया है ताकि वे योजना का हिस्सा बन सकें। केवल शहरी क्षेत्रों की ही बात करें तो यहां से 4.66 लाख से अधिक महिलाओं ने आवेदन किया है। इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं का जुड़ना इस योजना की लोकप्रियता और उसके सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है, जिससे लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
आवेदन प्रक्रिया
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखकर सरल बनाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं, जो पहले से स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हुई हैं, वे सीधे अपने ग्राम संगठन में आवेदन कर सकती हैं। वहीं जो महिलाएं अभी तक समूह से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले सदस्यता फॉर्म भरकर जुड़ना होगा। शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा जीविका की आधिकारिक वेबसाइट (www.brlps.in) पर उपलब्ध कराई गई है। हालांकि, जो महिलाएं पहले से SHG से जुड़ी हैं, उन्हें ऑनलाइन आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
जीविका से जुड़ी महिलाओं की भूमिका
वर्तमान समय में बिहार में 10.81 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे लगभग 1.34 करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं। ये महिलाएं कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई-कढ़ाई, किराना व्यवसाय और छोटे उद्यमों के माध्यम से अपनी आय में लगातार वृद्धि कर रही हैं। हाल ही में सरकार ने जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का गठन भी किया है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को बैंक की तरह ही कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना है। इस पहल से महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा और मजबूती प्रदान करेंगी।
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Nahin mila