ECCE Latest News उत्तर प्रदेश सरकार ने प्री-प्राइमरी शिक्षा को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के 5000 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में अब बाल वाटिका कक्षाओं की शुरुआत हो चुकी है, जहाँ 3 से 6 वर्ष के छोटे बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा दी जा रही है। इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए राज्य में करीब 19,000 से ज्यादा ECCE एजुकेटरों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। राजधानी लखनऊ में लगभग 170 शिक्षकों का चयन भी हो चुका है, लेकिन उन्हें अभी तक औपचारिक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है।
शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आंगनबाड़ी आधारित बाल वाटिकाओं के लिए एजुकेटर का चयन कुछ समय पहले ही शिवारजन पोर्टल के माध्यम से मेरिट के आधार पर एक निजी एजेंसी द्वारा किया गया था। अब इन चयनित उम्मीदवारों की तैनाती की जिम्मेदारी बीएसए (BSA) कार्यालय पर है। इस बीच कुछ अभ्यर्थियों का आरोप है कि उन्हें नियुक्ति पत्र देने के लिए रिश्वत की मांग की जा रही है और उन्हें यह लालच भी दिया जा रहा है कि अगले वर्ष उनका वेतन सीधे ₹25,000 प्रति माह कर दिया जाएगा।
क्या सच में मिलेगा ₹25,000 वेतन?
फिलहाल संविदा पर कार्यरत ECCE एजुकेटरों को ₹10,313 मानदेय दिया जा रहा है, जिसे शासनादेश में ₹10,600 तक फाइनल किया गया है। अभी तक सरकार ने वेतन में किसी तरह की आधिकारिक बढ़ोतरी की घोषणा नहीं की है। हालांकि चर्चा यह जरूर है कि भविष्य में संविदा कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
दूसरे चरण में और 8,800 पदों पर नियुक्ति
राज्य के 75 जिलों में आंगनबाड़ी बाल वाटिकाओं के लिए एजुकेटरों की तैनाती की जा रही है। पहले चरण में लगभग 10,000 से अधिक पदों पर चयन किया जा रहा है, वहीं दूसरे चरण में 8,800 नए पदों को मंजूरी दे दी गई है। पहले चरण की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में है और दूसरे चरण की भर्ती भी शुरू हो चुकी है।
ये सभी नियुक्तियां 11 महीने के अनुबंध (संविदा) पर होंगी और अच्छा प्रदर्शन करने वालों का कार्यकाल आगे बढ़ाया जा सकेगा। चयन का जिम्मा एजेंसी स्तर पर रहेगा, जबकि अंतिम सूची जिला चयन समिति द्वारा जारी की जाएगी। इन पदों के लिए NTT, C.T. या होम साइंस स्नातक अभ्यर्थी आवेदन करने के पात्र होंगे। इच्छुक उम्मीदवारों को पंजीकरण के लिए सेवायोजन पोर्टल का उपयोग करना होगा।