Mahila Rojgar Scheme बिहार महिला रोजगार योजना, बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई एक विशेष पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार और रोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं, जैसे—कौशल विकास प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, आसान ऋण और रोजगार के अवसर। योजना खासतौर पर उन महिलाओं के लिए बनाई गई है, जिन्हें पारंपरिक नौकरी मिलना मुश्किल होता है या जिनकी घरेलू जिम्मेदारियों की वजह से वे घर से बाहर काम नहीं कर सकतीं। इस योजना का एक और बड़ा लाभ यह है कि महिलाएँ घर बैठे भी काम करके आय अर्जित कर सकती हैं।
मुख्य उद्देश्य
इस योजना का प्रमुख लक्ष्य महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाना है। आज भी बिहार की बड़ी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है, जहाँ महिलाओं को नौकरी के साधन बहुत सीमित मिलते हैं। योजना विशेष रूप से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन-यापन करने वाली महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं पर केंद्रित है। इसका मकसद न केवल महिलाओं को रोजगार से जोड़ना है बल्कि उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना और परिवार की आय में योगदान देने लायक बनाना भी है। सरकार चाहती है कि महिलाएँ केवल आश्रित न रहें, बल्कि अपने छोटे व्यवसाय या रोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनें।
फोन से आवेदन
बिहार महिला रोजगार योजना में आवेदन की प्रक्रिया बेहद सरल रखी गई है ताकि गाँव की महिलाएँ भी आसानी से इसका लाभ ले सकें। महिलाएँ मोबाइल फोन या कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या विशेष पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होता है। आवेदन करते समय महिला को आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो और व्यवसाय से जुड़ी बुनियादी जानकारी अपलोड करनी पड़ती है। कई जिलों में महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ब्लॉक या पंचायत स्तर पर ऑफलाइन फॉर्म भरने की भी व्यवस्था की गई है।
मिलने वाली राशि
योजना के अंतर्गत चयनित महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने या आगे बढ़ाने के लिए ₹10,000 से ₹50,000 तक की राशि दी जाती है। यह राशि सीधी महिला के बैंक खाते में जमा की जाती है। कुछ मामलों में यह सहायता अनुदान (Grant) के रूप में होती है, जबकि कई बार यह आसान किस्तों पर ऋण के रूप में भी दी जाती है। राशि का निर्धारण महिला द्वारा चुने गए व्यवसाय, उसके व्यवसायिक योजना और जिले की नीतियों पर निर्भर करता है। उदाहरण के तौर पर, कोई महिला यदि सिलाई-कढ़ाई, डेयरी, ब्यूटी पार्लर, दुकान या हस्तशिल्प कार्य शुरू करना चाहती है, तो उसकी योजना के हिसाब से राशि तय की जाएगी।
पात्रता (Eligibility)
- आवेदिका बिहार की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
- आयु सीमा 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच रखी गई है।
- महिला बेरोजगार होनी चाहिए या स्वरोजगार शुरू करने की इच्छुक होनी चाहिए।
- कई योजनाओं में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) या अंत्योदय कार्ड धारक महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
- महिला के पास बैंक खाता होना आवश्यक है ताकि राशि सीधे खाते में भेजी जा सके।
आवेदन शुल्क
इस योजना में महिलाओं से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता। आवेदन पूरी तरह निःशुल्क है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएँ भी बिना किसी दबाव के आवेदन कर सकें। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि लाभार्थियों पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े।
चयन प्रक्रिया
जब महिला आवेदन करती है, तो जिला स्तर पर एक समिति द्वारा उसका सत्यापन किया जाता है। इस दौरान महिला के दस्तावेज, आर्थिक स्थिति और उसकी व्यवसायिक योजना को परखा जाता है। जो महिलाएँ सभी मानदंडों पर खरी उतरती हैं, उन्हें योजना का लाभ दिया जाता है। चयनित महिलाओं को पहले प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे अपने व्यवसाय को बेहतर तरीके से चला सकें। इसके बाद वित्तीय सहायता या ऋण राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाती है।
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