Petrol Pump Licence कैसे मिलता है पेट्रोल पंप का लाइसेंस एवं डिलरशिप यहां देखें सम्पूर्ण जानकारी

Petrol Pump Licence भारत में पेट्रोल पंप खोलना केवल एक व्यवसाय नहीं बल्कि सम्मान और स्थायी आय का जरिया भी माना जाता है। यह काम लंबे समय तक सुरक्षित और लाभकारी साबित हो सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ कानूनी औपचारिकताओं और सरकारी प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य है। पेट्रोल पंप का लाइसेंस मुख्य रूप से सरकारी तेल विपणन कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल (IOCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) द्वारा दिया जाता है। इच्छुक व्यक्ति को इसके लिए पात्रता मानदंड, जमीन की उपलब्धता और डीलरशिप की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

1. पात्रता शर्तें

पेट्रोल पंप की डीलरशिप पाने के लिए आवेदक की आयु 21 से 60 वर्ष के बीच होना जरूरी है। शैक्षणिक योग्यता के रूप में न्यूनतम 10वीं पास होना अपेक्षित है, जबकि हाईवे या शहर की लोकेशन पर कई बार स्नातक स्तर की योग्यता भी मांगी जाती है। इसके साथ ही आवेदक के पास पर्याप्त निवेश क्षमता होनी चाहिए, ताकि वह पंप के निर्माण और संचालन के लिए जरूरी खर्च उठा सके।

Petrol Pump Licence

2. जमीन से जुड़ी आवश्यकताएँ

इस व्यवसाय के लिए जमीन का होना सबसे बड़ा पहलू है। जमीन या तो आवेदक की खुद की होनी चाहिए या लंबे समय के लिए वैध लीज़ पर ली गई हो। तेल कंपनियां यह देखती हैं कि जमीन मुख्य सड़क पर स्थित हो, वहां वाहन आसानी से आ-जा सकें और आस-पास का इलाका व्यापार की दृष्टि से उपयुक्त हो। सामान्यत: 800 से 2000 वर्गमीटर जमीन की जरूरत पड़ती है।

3. आवेदन की प्रक्रिया‌

तेल कंपनियां समय-समय पर अपने वेबसाइट और समाचार पत्रों में पेट्रोल पंप डीलरशिप के लिए नोटिस प्रकाशित करती हैं। इच्छुक उम्मीदवार ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन में जमीन का पूरा विवरण, आर्थिक स्थिति और व्यक्तिगत जानकारी भरनी होती है। साथ ही आवेदन शुल्क भी जमा करना अनिवार्य है।

4. चयन की प्रक्रिया

सभी आवेदन प्राप्त होने के बाद कंपनी पात्रता की जांच करती है। यदि एक ही स्थान के लिए कई आवेदन आते हैं तो चयन लॉटरी या ड्रॉ सिस्टम के जरिए किया जाता है। चयनित आवेदक को कंपनी की ओर से दस्तावेज सत्यापन और साइट निरीक्षण के लिए बुलाया जाता है। अगर सभी मानदंड पूरे हो जाते हैं तो अगले चरण पूरे किए जाते हैं।

5. डीलरशिप अनुबंध और लाइसेंस

फाइनल चयन होने के बाद आवेदक और तेल कंपनी के बीच डीलरशिप एग्रीमेंट किया जाता है। इस अनुबंध में पंप संचालन से जुड़ी शर्तें, नीतियाँ और नियम साफ तौर पर लिखे होते हैं। अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के बाद आवेदक को पेट्रोल पंप चलाने का लाइसेंस प्रदान किया जाता है।

6. निर्माण और संचालन

लाइसेंस प्राप्त होने के बाद जमीन पर पेट्रोल पंप का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाता है। इसमें फ्यूल टैंक, मशीनें, कैश काउंटर, ऑफिस व स्टाफ रूम जैसी सुविधाएँ विकसित की जाती हैं। इस प्रक्रिया में कंपनी तकनीकी मार्गदर्शन भी देती है। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद पंप का उद्घाटन किया जाता है और आधिकारिक तौर पर संचालन शुरू होता है।

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